अनाज वाले बाबा, सिर पर उगा रखी है फसल; महाकुंभ में सबसे अनोखे, इसके पीछे वजह बताते हुए कहते- जान चली जाए तो भी गम नहीं
Anaaj Wale Baba in MahaKumbh 2025 Story Prayagraj Sangam Video News
Anaaj Wale Baba: तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ जैसे अद्भुत समागम की शुरुवात हो चुकी है। जहां इस महाकुंभ में तरह-तरह के तप योगी और हठ योगी साधु-संत नजर आ रहे हैं। कई तो अपने-आप में बेहद अनोखे और अनूठे हैं। ऐसी ही एक बाबा हैं अनाज वाले बाबा। जिन्हें जौं वाले बाबा भी कहा जाता है। ये खिताब बाबा को यूं ही नहीं मिला हुआ है। दरअसल, बाबा 24 घंटे अपने अंग संग हरियाली लिए घूम रहे हैं। जहां विशेष बात ये है कि ये हरियाली किसी गमले में नहीं बल्कि बाबा ने अपने सिर पर उगाई है।
दरअसल, बाबा अपने सिर पर गेहूं, जौं, चना और बाजरा की फसल उगाते हैं। इस समय अनाज वाले बाबा ने अपने सिर पर जौं, गेहूं बाजरा, चना जैसी ही फसल उगा रखी है। जिसके चलते बाबा के सोने का तरीका भी अलग है। इस फसल के चलते बाबा को दर्द भी सहना पड़ता है। लेकिन ये उनके तप और हठयोग का एक हिस्सा है। बाबा का साफ कहना है कि अगर इससे हमारी जान भी चली जाएगी तो हमें कोई परेशानी नहीं है। मगर बाबा अपने सिर अपर आखिर फसल क्यों उगाकर रखना चाहते हैं। वह ऐसा क्यों कर रहे हैं।
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पर्यावरण को लेकर काफी चिंतित हैं बाबा
ये बाबा विश्व में पर्यावरण को लेकर काफी चिंतित हैं और चाहते हैं कि लोग हरियाली को लेकर जागरूक हों और पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाने की बजाय ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाएँ और विश्व कल्याण में भागीदार बने। सिर पर फसल उगाकर बाबा यही संदेश दे रहे हैं। बाबा ने कहा कि, मेरा एक ही संकल्प है कि जैसे हमारा सिर हरा-भरा है, वैसे ही हमारा विश्व, हमारा देश हरा-भरा होना चाहिए। अगर हरियाली होगी तो हमें भी एक रोटी मिलेगी। हमें जनता से ज्यादा मांग नहीं है।
बाबा ने कहा कि, आज जिस हिसाब से पेड़ काटे जा रहे हैं तो आने वाले समय में बारिश कहां होगी? क्योंकि पेड़ों के कारण ही बारिश होती है। बाबा ने खेतों में पड़ने वाली खाद्यों पर भी चिंता जताई। बाबा ने कहा कि, आज खेतों में अंग्रेजी खाद्यों की मात्रा बढ़ती जा रही है। जिससे खेतों की शक्ति जा रही है। लोग पेड़ों के पत्तों की खाद्य का उपयोग करें और गायों की गोबर खेतों में डालें। जिससे खेत पुष्ट होंगे और पैदावार बढ़ेगी और देश का कल्याण होगा।
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फसल को पानी देते बाबा
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सिर पर उगी फसल का प्रसाद भी बांटते हैं बाबा
बाबा ने सिर पर जो फसल उगाई है। उसमें दाना पड़ने पर वह प्रसाद भी बांटते हैं। बाबा का कहना है कि, सिर पर लगी फसल जब पक जाती है तो वह भंडारा करते हैं। वह लगभग सोनभद्र से 3 महीने के लिए प्रयागराज आए हैं। यहां से भंडारा कराने के बाद ही वापस लौटेंगे। फिलहाल, पूरे महाकुंभ 2025 में यह बाबा आकर्षण और चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। हालांकि, इन बाबा के अलावा और भी कई बाबा अपने अनोखे अंदाज के लिए महाकुंभ में जाने जा रहे हैं।